महाराष्ट्र पुलिस में एक बड़ा बदलाव आया है, जिसमें अब हेड कांस्टेबल रैंक के कर्मचारियों को भी अपराध की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इससे पहले, यह जिम्मेदारी केवल उप -इंस्पेक्टर या वरिष्ठ अधिकारियों के साथ थी। अब सार्जेंट भी चोरी आदि जैसे छोटे मामलों की जांच करने में सक्षम होंगे। इससे अधिकारियों को अधिक जटिल मामलों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।
गृह विभाग योगेश कडम के एमओएस ने कहा कि महाराष्ट्र के पुलिस स्टेशनों में IO (जांच अधिकारी) के साथ 50 से अधिक मामले हैं। एक अधिकारी के लिए इतना मामला संभालना मुश्किल है, इसलिए हमने फैसला किया है कि हवलदार भी मामले की जांच करने में सक्षम होंगे। चोरी आदि जैसे छोटे मामलों की जांच को हवलदार को सौंप दिया जाएगा। इसके साथ, अधिकारी अधिक जटिल मामलों पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम होंगे। यह परिवर्तन जल्द ही लागू हो जाएगा और हवलदार को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस परिवर्तन का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक किया जाएगा।
गृह विभाग के आदेश के अनुसार, 7 साल से अधिक के अनुभव वाले स्नातक हेड कांस्टेबल और पुलिस कर्मियों को मामलों की जांच करने की अनुमति दी जाएगी। इसके साथ, 45,000 से अधिक हेड कांस्टेबल और 25,000 से अधिक पुलिस नायक अब मामलों की जांच करने में सक्षम होंगे।
सरकार का यह निर्णय कांस्टेबल को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका देगा। इससे गाँव और खेड में अधिकारियों के बोझ को कम किया जाएगा और मामलों को हल करने के लिए गति बढ़ेगी।
। महाराष्ट्र पुलिस कांस्टेबल (टी) और एनबीएसपी; महाराष्ट्र पुलिस समाचार (टी) और एनबीएसपी;
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