राष्ट्रपति कुमार, जो कि राष्ट्र के एक कार्यकारी सदस्य हैं, जो कि राष्ट्रपतुरिया स्वायमसेवाक संघ के एक कार्यकारी सदस्य हैं, का कहना है कि पोक भारत के साथ आना चाहता है, ब्लूचिस्तान स्वतंत्रता चाहता है। पख्तुनिस्तान स्पष्ट नहीं है। सिंध स्वतंत्र सिंध के लिए भी है और भारत के साथ जाने के लिए भी तैयार है।
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इंद्रश ने कहा कि देश में धर्म, संप्रदायों के नाम पर कहीं न कहीं तनाव जारी है। इससे निपटने के लिए समाधान का तरीका यह है कि सभी लोग एक -दूसरे के धर्म, पूजा प्रणाली का सम्मान करते हैं और न ही रूपांतरण। सभी लोग एक -दूसरे का सम्मान करते हैं।
कुमार ने कहा कि भारत-चीन और भारत-पाकिस्तान युद्ध सीमा आने वाले दिनों में बदल सकती है। उन्होंने कहा कि शिमला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में।
उन्होंने कहा कि देश पाकिस्तान के अंदर चला गया होगा। एक तरफ पाकिस्तान होगा, दूसरी तरफ सिंध, ब्लूचिस्तान, पख्तुनिस्तान, गिलगित, बाल्टिस्तान को मिलाकर पोक होगा। वहां के लोग अपनी स्वतंत्रता के लिए पाकिस्तान के खिलाफ लड़ेंगे और भारत में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि आज हम शिमला में एक संवाददाता सम्मेलन कर रहे हैं, कभी -कभी यह लाहौर में हो सकता है।
पाकिस्तान, चीन और अमेरिका को डर है कि भारत स्थिति को बहुत तेज गति से लाएगा कि युद्ध की सीमा में बदलाव होगा। यह लोगों, सरकार और सेना के साथ -साथ इन क्षेत्रों की इच्छा है। उन्होंने कहा कि पंजाबी पाकिस्तान आज का शासन नहीं चाहेगा।