सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शराब के घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व IAS अनिल टुटजा की जमानत दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति अभय ओक और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की एक पीठ द्वारा पारित किया गया है। अदालत ने कहा कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने सीआरपीसी की धारा 197 के तहत अनुमोदन की अनुपस्थिति के तहत विशेष अदालत द्वारा संज्ञानात्मक रूप से संज्ञानात्मक आदेश रद्द कर दिया था। इस आदेश को अभी तक चुनौती नहीं दी गई है, जिसका अर्थ है कि वर्तमान में कोई वैध संज्ञान नहीं है।
अनिल टुटजा लगभग एक साल से हिरासत में है। मामले में 20 से अधिक अभियुक्त और 30 से अधिक अभियोजन पक्ष गवाह हैं। इस आधार पर सह-अभियुक्त को पहले ही जमानत दी जा चुकी है। अधिकतम सजा ऐसी नहीं है जो निरंतर हिरासत को आवश्यक बनाती है। पासपोर्ट को आत्मसमर्पण करने के निर्देश दिए गए हैं। विशेष न्यायालय के समक्ष नियमित रूप से उपस्थिति और कार्यवाही में सहयोग का उपक्रम करेगा। यदि गैर -सहारा पाया जाता है, तो जमानत को निचली अदालत में रद्द करने की मांग की जा सकती है।