आंध्र प्रदेश के नंदयाल जिले में श्री भ्रमरम्बा मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर के प्रबंधन ने मंदिर के लड्डू प्रसाद में मिलावट के आरोपों को खारिज कर दिया है। प्रबंधन का कहना है कि ऐसा लगता है कि कीट को जानबूझकर पहले से टूटे हुए लड्डू में डाला गया था।
यह विवाद तब शुरू हुआ, जब कुछ भक्तों ने दावा किया कि 29 जून को मंदिर के काउंटर से खरीदे गए लड्डू में उन्हें कीड़ा मिला। स्थानीय मीडिया ने लड्डू में कीड़ा मिलने की खबरों को प्रमुखता से उठाया, जिससे भक्तों में चिंता पैदा हो गई।
टूटे हुए लड्डू में जानबूझकर डाला गया था कीट: ईओ
श्रीशैलम मंदिर के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) एम श्रीनिवास राव ने कहा कि स्थानीय मीडिया में खबरों को आने के बाद लड्डू में कीड़ा मिलने की विस्तृत जांच की गई। जांच में पता चला कि यह तिलचट्टा नहीं, बल्कि टिड्डा था। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कीट को जानबूझकर पहले से टूटे हुए लड्डू में डाला गया था।
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बाहर से आए दो अन्य लोगों ने शिकायतकर्ता को दिया था पैकेट
ईओ राव के अनुसार, मंदिर के सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि शिकायतकर्ता को बाहर से आए दो अन्य लोगों से एक पैकेट मिला था। 15 मिनट बाद, भक्तों ने काउंटर स्टाफ से शिकायत की कि उन्हें मिलावटी लड्डू प्रसाद मिला है, और उन्होंने इसे अपने मोबाइल के कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया।
साफ-सुधरे माहौल में तैयार किए जाते हैं लड्डू
मंदिर के अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि लड्डू इतनी गर्म जगह पर बनाए जाते हैं कि उसमें कीड़ा जिंदा नहीं बच सकता। जिस कीट की बात हो रही है, वह पूरी तरह सही स्थिति में था, जिससे लगता है कि प्रसाद वितरण के बाद लड्डू में कीड़ा डाला गया। उन्होंने यह भी बताया कि लड्डू साफ-सुधरे माहौल में अच्छे सामान से बनाए जाते हैं। रसोई में ग्रेनाइट फर्श, कांच की दीवारें और स्टील की ट्रे होती हैं। कर्मचारी दस्ताने और टोपी पहनकर पूरी सफाई से काम करते हैं।
मंदिर में जाने से पहले मोबाइल जमा करते हैं भक्त
ईओ राव ने यह भी कहा कि भक्त मंदिर में जाने से पहले अपने मोबाइल फोन जमा कर देते हैं और दर्शन के बाद वापस लेते हैं। ऐसे में लड्डू में कीड़ा दिखाने वाला वीडियो भी शक के घेरे में है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब मंदिर की छवि खराब करने की पूर्वनियोजित साजिश लगती है।
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मामला दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस
मंदिर प्रशासन ने इस मामले में श्रीशैलम पुलिस से शिकायत की है और उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जो झूठ फैलाकर मंदिर का नाम खराब कर रहे हैं। इस बीच, पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच कर रही है।
तिरुमाला लड्डू में मिलावटी घी के इस्तेमाल का लगाया था आरोप
इससे पहले, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पिछली सरकार (वाईएसआरसीपी) पर तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू प्रसाद में मिलावटी घी का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि तिरुमाला लड्डू भी घटिया सामग्री से बनाया गया था। वे घी के बदले जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल करते थे। उन्होंने यह भी कहा था कि अब शुद्ध घी का इस्तेमाल किया जाता है और मंदिर में सभी चीजों को सैनेटाइज कर दिया गया है।
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