राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (पशुपति पारस गुट) के कार्यकर्ता सम्मेलन में शनिवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस और पूर्व सांसद प्रिंस राज ने मंच से जमकर हुंकार भरी। जहां एक ओर कार्यकर्ताओं ने दोनों नेताओं का गर्मजोशी से स्वागत किया, वहीं दूसरी ओर प्रिंस राज ने अपने संबोधन और संवाददाता सम्मेलन के दौरान न सिर्फ चिराग पासवान पर जमकर निशाना साधा, बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा और केंद्र सरकार पर भी तीखा प्रहार किया।
‘आप बिग बॉस नहीं, ये घर है’
पूर्व सांसद प्रिंस राज ने अपने संबोधन में चिराग पासवान को निशाने पर लेते हुए कहा कि वे अपने घर के अंदर के झगड़ों को मीडिया के जरिए दिखावा बनाकर राजनीतिक लाभ लेना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर मां की तबीयत खराब थी, तो पटना से डॉक्टर लाना चाहिए था, पत्रकार नहीं। साथ ही चिराग को कटाक्ष करते हुए कहा कि आप बिग बॉस नहीं हैं। घर के झगड़े पड़ोसी को भी नहीं पता चला, लेकिन पटना वालों को खबर हो गई। आखिर किस मकसद से यह किया गया? प्रिंस राज ने स्पष्ट तौर पर इसे राजनीतिक साजिश बताया और याद दिलाया कि ऐसा ही षड्यंत्र 2020 के चुनाव से पहले भी रचा गया था। उन्होंने इसे दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि वर्षों बाद भी वही नाटक दोहराया जा रहा है।
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नीतीश कुमार को बताया ‘बीमारू मुख्यमंत्री’
पत्रकारों से बातचीत में प्रिंस राज ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा हमला करते हुए उन्हें ‘बीमारू मुख्यमंत्री’ करार दिया। उन्होंने कहा कि अब उनका इलाज किसी डॉक्टर से नहीं होगा, न बिहार में, न देश में। अब उनका इलाज 2025 के विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता ही करेगी।
प्रिंस राज ने स्पष्ट किया कि फिलहाल उनकी पार्टी का गठबंधन बिहार की जनता के साथ है। उन्होंने नीतीश सरकार को दलित और अल्पसंख्यक विरोधी करार देते हुए कहा कि इस सरकार को सिर्फ अपनी कुर्सी से मतलब है, आम लोगों से नहीं।
वक्फ संशोधन बिल पर भाजपा और सहयोगियों पर बरसे
लोकसभा और राज्यसभा से पास हुए वक्फ संशोधन बिल को लेकर भी प्रिंस राज ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह बिल अल्पसंख्यकों और दलितों के खिलाफ है और इससे हिंदुस्तान की एकता और अखंडता को चोट पहुंचाई गई है। उन्होंने कहा कि अब अल्पसंख्यक और दलित समाज इन चेहरों को पहचान चुका है और अब इनका साथ नहीं देगा। उन्होंने दलितों की ओर से बनाए गए नेताओं पर भी सवाल उठाए कि सदन में सरकार के पक्ष में खड़े होकर दलित विरोधी बिल का समर्थन करना ही इनके असली चेहरे को उजागर करता है।
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कानून-व्यवस्था से लेकर शिक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल
बिहार की मौजूदा हालत पर बात करते हुए प्रिंस राज ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। हत्या, लूट और बलात्कार जैसी घटनाएं आम हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि होली के बाद औरंगाबाद की घटना में कोमल पासवान की हत्या सहित कई बड़ी वारदातें हुईं, लेकिन कोई दलित नेता आवाज उठाने सामने नहीं आया। उन्होंने याद दिलाया कि 2005 में जब रामविलास पासवान ने मुख्यमंत्री के तौर पर मुस्लिम नेता की मांग की थी और मांग न माने जाने पर समर्थन वापस लिया था, तब बिहार में सरकार नहीं बन सकी थी। आज उसी दलित विरोधी चेहरे का समर्थन कर दलित नेताओं ने अपनी असलियत दिखा दी है।
‘डबल इंजन की सरकार में विकास फेल’
सम्मेलन में पशुपति कुमार पारस ने भी नीतीश सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि पिछले बीस वर्षों से बिहार में डबल इंजन की सरकार है, लेकिन आज तक एक भी बड़ा उद्योग या कारखाना नहीं खुला है। उन्होंने कहा कि युवाओं का पलायन नहीं रुक रहा है और राज्य में विकास की रफ्तार लगभग थम चुकी है।