भारत-पाक तनाव के बीच सीजफायर की घोषणा के बाद से बॉर्डर पर तनाव कम हो रहा है। इसके चलते सरहदी जिले बाड़मेर में हालात सामान्य हो रहे हैं। ऐसे में जनजीवन पटरी पर लौटता दिख रहा है। मंगलवार को बाजार, स्कूल और कॉलेज खुलने से बाड़मेर में एक बार फिर से रौनक लौट आई। लोगों के अनुसार, बिना किसी भय के पिछली रात भी सामान्य रात की तरह ही गुजरी।
बॉर्डर पर तनाव कम होने के बाद बदली परिस्थितियों के मद्देनजर बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी ने पिछले तीन-चार दिनों से बंद प्रशिक्षण संस्थानों को पुनः खोलने का सोमवार देर शाम आदेश जारी किया। इसके अलावा सोमवार रात को ब्लैकआउट भी लागू नहीं किया गया। वहीं, मंगलवार सुबह से ही बाड़मेर के सभी शिक्षण संस्थानों और बाजार में एक बार फिर से चहल-पहल देखी जा रही है।
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व्यापारी मोहन ने बताया कि सात मई के बाद ब्लैकआउट और बाजार कब खुलेगा, इसको लेकर कुछ तय नहीं था। लेकिन हालात बदल गए हैं और सुबह से पूरी तरह से बाजार खुल गया है। लोगों की आवाजाही देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि बॉर्डर इलाके बाड़मेर और डर का कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि यहां के लोग मजबूत लोग हैं। बॉर्डर इलाके के लोग तो यहां तक कह रहे थे कि हमें छूट मिल जाए तो दुश्मन देश को सबक सिखा दें।
बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में समय-समय पर सही सूचनाएं जारी करने और उनके साथ पूरे जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन तथा तमाम एजेंसियों ने मिलकर सराहनीय कार्य किया।
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इधर, शिक्षण संस्थाएं खोलने के बाद स्कूलों में रौनक लौट आई है। वहीं, अगले दो दिनों में कक्षा नौ और 11वीं की परीक्षाएं आयोजित होंगी। ऐसे में विद्यालय के शिक्षक इसकी तैयारियों में जुटे हुए हैं। गौरतलब है कि स्कूल खुलने के बाद अगले दो दिनों में नौवीं और 11वीं कक्षा की परीक्षाएं और रिजल्ट घोषित करने की बड़ी जिम्मेदारी शिक्षकों के कंधों पर है।