भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया है। इस वीडियो में शुभांशु अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर योग करते दिख रहे हैं। इस वीडियो के साथ शुभांशु ने लिखा कि ‘अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचने के बाद से ही तय समयसीमा में अपने कामों और प्रयोगों को करने में व्यस्त थे। शुरुआत में यह थोड़ा चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि आप सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (माइक्रोग्रैविटी) में चलना सीख रहे होते हैं और स्टेशन के बारे में जान रहे होते हैं।’

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कभी-कभी धीमा होना जरूरी

शुभांशु शुक्ला ने लिखा कि ‘यह वीडियो मिशन के कुछ दिनों बाद का है जब मैं आखिरकार अपनी गतिविधियों पर बेहतर नियंत्रण कर पा रहा था। मैं बस स्थिर रहना चाहता था, लेकिन इसमें असफल हो रहा था। कोई भी छोटी सी गड़बड़ी अंतरिक्ष में आपके शरीर को हिला सकती है और पूरी तरह से स्थिर रहने के लिए बेहद कौशल की जरूरत होती है। इस तेज गति से भागती दुनिया में हमारे मन की तरह। आज कुछ समय के लिए स्थिर रहें। तेज होने के लिए कभी-कभी धीमा होना भी जरूरी है।’

 

एक्सिओम-4 मिशन के तहत आईएसएस पर 18 दिन बिताने के बाद शुभांशु शुक्ला बीती 15 जुलाई को धरती पर वापस लौट आए हैं। फिलहाल शुभांशु डॉक्टरों की देखरेख में गुरुत्वाकर्षण के माहौल में तालमेल बिठा रहे हैं और चलना सीख रहे हैं। शुभांशु ने अपने पिछले पोस्ट में बताया था कि ‘हम गुरुत्वाकर्ण के वातावरण में बड़े होते हैं। हमारा शरीर इसके अलावा कुछ और नहीं जानता। गुरुत्वाकर्षण रहित माहौल में रहने का हमारे शरीर पर कई तरह से असर पड़ता है। इससे शरीर में द्रव की कमी, दिल की धड़कन धीमी होना शामिल है।’





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