तेलंगाना सरकार ने भीषण गर्मी और लू को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने लू को अब से ‘राज्य-विशेष आपदा’ घोषित कर दिया है। इसके तहत, लू से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य
तेलंगाना- देश का पहला राज्य बन गया है जिसने लू को राज्य-विशेष आपदा माना है। इससे पहले, लू से मौत होने पर सरकार केवल 50,000 रुपये की सहायता देती थी, जो ‘आपदाबन्धु योजना’ के तहत दी जाती थी। अब यह राशि बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दी गई है।
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क्या कहता है सरकार का आदेश?
सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि लू से हो रही मौतों की गंभीरता को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। राज्य में पिछले कुछ वर्षों में लू के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना के 33 में से 28 जिलों में हर साल कम से कम 15 दिनों तक भीषण गर्मी और लू पड़ती है।
कौन लोग सबसे ज्यादा प्रभावित?
लू की सबसे ज्यादा मार समाज के कमजोर वर्गों पर पड़ती है, जैसे – महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग इनके पास खुद को बचाने के पर्याप्त साधन नहीं होते, जिससे ये जल्दी लू की चपेट में आ जाते हैं।
लू से मौत की पहचान कैसे होगी?
सरकार ने जिला अधिकारियों को निर्देश दिया है कि लू से हुई मौत की पुष्टि सही तरीके से की जाए। यह देखा जाएगा कि मृत व्यक्ति गर्मी के संपर्क में था या नहीं। इसके साथ ही यह भी जांचा जाएगा कि मौत का कारण कहीं कोई अन्य बीमारी तो नहीं थी। जब कोई और कारण नहीं मिलेगा और तापमान का असर साफ दिखेगा, तभी इसे लू से मौत माना जाएगा।
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पहले से क्या तैयारियां हो रही हैं?
राज्य सरकार ने सभी जिलों में हीटवेव एक्शन प्लान लागू कर दिया है। इन योजनाओं के तहत हर जिले में प्यास बुझाने के लिए पानी के प्याऊ लगाए जा रहे हैं। ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन के पैकेट बांटे जा रहे हैं ताकि शरीर में पानी की कमी ना हो। लोगों को लू से बचने के लिए जरूरी हिदायतें दी जा रही हैं, जैसे:
- दोपहर 12 से 4 बजे तक बाहर न निकलें
- ढीले-ढाले और हल्के रंग के कपड़े पहनें
- खूब पानी और नींबू पानी पिएं
- धूप में निकलते समय सिर पर कपड़ा या टोपी रखें
यह फैसला क्यों जरूरी था?
लू को अक्सर एक ‘छिपा हुआ खतरा’ माना जाता है, क्योंकि इसके असर की सही रिपोर्टिंग नहीं होती है। कई बार मौत का सही कारण पता नहीं चलता और इलाज में देर हो जाती है। राज्य सरकार का मानना है कि अब लू को आपदा घोषित करने से इस पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा और पीड़ित परिवारों को समय पर मदद मिलेगी।