कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित रोबोट की मदद से चेहरे की मुस्कान सुंदर होने के साथ स्वस्थ बनेगी। इस सुविधा के लिए मौलाना आजाद दंत विज्ञान संस्थान में जल्द रोबोटिक मशीन आएगी। यह दिल्ली का पहला संस्थान होगा जिसमें रोबोटिक की मदद से सर्जरी सहित दूसरी सुविधाएं मिलेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि खान-पान में आए बदलाव के साथ दांतों और मसूड़ों से जुड़ी समस्याएं बढ़ गई हैं। मौजूदा समय में हाथों से सर्जरी की जाती है। ऐसे में कई बार मुंह के अंतिम व जटिल हिस्सों तक सटीक पहुंच नहीं हो पाती।
एआई आधारित रोबोटिक मशीन आने के बाद मुंह के उन हिस्साें तक भी पहुंच हो जाएगी जहां अभी हाथ नहीं पहुंच पाता। मशीन की मदद से सर्जरी को अधिक सटीकता से कर सकेंगे। इसके अलावा मरीज की रिकवरी तेज होगी।
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सर्जरी के लिए जल्द बिस्तर खाली होने पर सर्जरी का इंतजार कर रहे मरीजों को होगा। मौलाना आजाद दंत विज्ञान संस्थान के दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार ने कहा कि संस्थान में जल्द ही रोबोटिक मशीन आएगी। इस मशीन के लिए संस्थान में डॉक्टरों को डिजिटल ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इस मशीन की मदद से सर्जरी में सुधार होगा। मुंह के अंतिम हिस्सों पर सटीक पहुंच होगी।
साथ ही सर्जरी के दौरान वास्तविक तस्वीर भी देख सकेंगे। इस मशीन में दांतों और जबड़े की 3डी इमेजिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इससे मौके पर ही सर्जरी की रणनीति में सुधार या बदलाव करना संभव होगा। ऐसा होने पर मरीज की रिकवरी बेहतर होने के साथ गुणवत्ता युक्त सुविधा मिलेगी। बता दें कि 20 मार्च को वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे मनाया जाएगा।
मिल रही है यह सुविधाएं
- संस्थान में आधुनिक मशीन की मदद से मुंह में इंप्लांट लगाने, लेजर की मदद से सर्जरी करने, सीबीसीटी या कोन बीम कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन की सुविधा दी जा रही है।
सर्जरी में आएगा यह सुधार
- प्लानिंग और इमेजिंग
- सर्जरी से पहले सटीक सर्जिकल योजना बनाना
- सटीकता और गति में सर्जरी
- दांतों, हड्डी और मसूड़ों में सटीक कट, नहीं होगी गलती
- सर्जरी के बाद सूजन और दर्द की समस्या कम
रोबोटिक डेंटल सर्जरी के लाभ
- सटीक
- तेजी से रिकवरी
- ट्रामा के मरीजों को मिलेगी राहत
रोबोटिक मशीन आने के बाद ट्रामा के मरीजों को राहत मिलेगी। ट्रामा के मामलों में गलती होने की आशंका ज्यादा होती है। ऐसे में थ्रीडी पिक्चर की मदद से सर्जरी में सुधार होगा।
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6 से 12 साल के बच्चों में समस्या ज्यादा
डॉक्टरों का कहना है कि खान-पान में आए बदलाव, फास्ट फूड के बढ़े चलन के कारण बच्चों के दांत ज्यादा खराब हो रहे हैं। संस्थान में बड़ी संख्या में 6 से 12 साल के बच्चे आते हैं। इन बच्चों के खाने की खराब आदत के कारण दांत और मसूड़े जल्द खराब होते हैं। इनके दांतों और मसूड़ों में समस्या होने पर दर्द और परेशानी होती है। दांत जल्द टूट जाते हैं। कई बार कम उम्र में ही इंप्लांट लगाने की जरूरत पड़ जाती है।