नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय ने प्रसिद्ध रियल स्टेट कंपनी जयप्रकाश समूह (जेपी ग्रुप) के 15 स्थानों पर छापा मारा है। इस छापे में, 1.70 करोड़ रुपये का नकद प्राप्त हुआ। ईडी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय ने 23 मई 2025 को दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और मुंबई में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कई स्थानों पर एक खोज ऑपरेशन किया। यह कार्रवाई जयप्रकाश ग्रुप की कंपनियों, जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड (JIL), जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) – और उनके साथ जुड़े संस्थानों के खिलाफ जारी की गई जांच के तहत की गई थी।

जेपी ग्रुप से जुड़ी अन्य कंपनियों के स्थानों ने भी खोजा

खोज ऑपरेशन में JAL, JAL, कंपनियों और प्रमोटरों और निदेशकों के कार्यालय और परिसर शामिल थे। इसके अलावा, जयप्रकाश समूह के प्रमुख व्यापारिक सहयोगियों जैसे गौरुसन इंडिया प्रा। लिमिटेड, गुलशन होम्ज़ प्रा। लिमिटेड, और महागुन रियल एस्टेट प्रा। लिमिटेड स्थानों के अधिकार भी आयोजित किए गए थे।

होमबेलर्स और निवेशकों के लिए पैसे को धोखा देने से संबंधित मामला

ईडी की यह जांच दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा जेएएल, जिल और उनके प्रमोटरों और निदेशकों के खिलाफ पंजीकृत एफआईआर पर आधारित है। इन एफआईआर पर बड़े -स्केल धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के साथ आरोपित किया गया है, जिसमें आवासीय फ्लैटों और भूखंडों को आवंटित करने के नाम पर हजारों होमबेलर्स और निवेशकों को गलत निवेश के लिए उकसाया गया था।

कई डिजिटल उपकरण और रियल एस्टेट बरामद

ईडी ने दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में कुल 15 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें बड़ी मात्रा में वित्तीय दस्तावेजों, डिजिटल उपकरणों, अचल संपत्तियों (जो प्रमोटरों, उनके परिवारों और समूह कंपनियों के नामों में हैं) से संबंधित दस्तावेज शामिल हैं। इसके अलावा, 1.70 करोड़ रुपये की कुल नकदी भी मौके से जब्त की गई थी। ईडी ने कहा है कि इस मामले में आगे की जांच चल रही है।



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