अंजू यादव, जो सुल्तानपुर में सापेक्ष निशान नहीं पाकर परेशान थे, ने आत्महत्या कर ली। छात्र का शव घर के अंदर दुपट्टा से लटका हुआ पाया गया। जब परिवार के सदस्यों ने देखा, तो उनकी चीख निकल गई। शोर सुनने के बाद लोग इकट्ठा हो गए। पुलिस की जानकारी के मामले की जांच कर रही है।

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कुरेभर शहर के छात्र अंजू के पिता राम सुंदर यादव का लगभग पांच साल पहले निधन हो गया था। अंजू की परवरिश उनकी मां रीता ने की थी। हाई स्कूल परीक्षा के परिणाम शुक्रवार को आए। इसमें अंजू को 71 प्रतिशत अंक मिले। अंजू इस परिणाम से संतुष्ट नहीं थे।

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इस वजह से वह परेशान हो गई। अंजू शनिवार सुबह घर पर अकेला था। जब मां रीता, भाई ओम और बहन अंसिका घर पहुँची, तो अंजू का शव प्रशंसक की मदद से दुपट्टा से लटकते हुए देखा गया। यह देखकर घर में एक चीख थी। शोर सुनकर, आसपास के लोग भी मौके पर इकट्ठा हुए। पुलिस सूचना पर पहुंची और मौके का निरीक्षण किया और जानकारी एकत्र की। शरीर को नोज से हटा दिया गया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।

कोई सुसाइड नोट नहीं मिला

ग्रामीणों ने कहा कि लड़की के घर की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है। पिता की मृत्यु लगभग पांच साल पहले हुई थी। वह तीन भाई -बहनों में सबसे बड़ी थी। स्टेशन के प्रमुख रवींद्र सिंह ने कहा कि परिवार के अनुसार, वह कम अंक प्राप्त करने से परेशान थी। प्राइमा फेशियल आत्महत्या का मामला लगता है। हालांकि, कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।

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