शहर के किरायेदारों को सत्यापित किया जाएगा। इसके लिए, नगर निगम को सरकार से निर्देश मिले हैं। यह किया जा रहा है ताकि किरायेदारों का सही आंकड़ा पाया जाए। इसके साथ, भवन मालिकों से अधिक कर लिया जा सकता है जो घर कर देते हैं। कचरा उठाने का उपयोगकर्ता चार्ज भी उनसे चार्ज किया जा सकता है। अक्सर लोग कर बचाने के लिए किरायेदारों के बारे में जानकारी नहीं देते हैं।
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किरायेदारों द्वारा किया जा रहा सर्वेक्षण
इस काम में, नगरपालिका के कर्मचारियों की मदद से 2.20 लाख भवन निर्माण मालिकों की जांच की जाएगी। इसके साथ ही, कचरे के उपयोगकर्ता प्रभार को किरायेदारों से जमींदारों के साथ भी चार्ज किया जाएगा। ज्यादातर मामलों में केवल जमींदार उपयोगकर्ता चार्ज देते हैं। जबकि यहां रहने वाले किरायेदारों ने भी कचरा फेंक दिया। इसे देखते हुए, सर्वेक्षण किया जा रहा है।
नगर निगम के अधिकारियों ने कहा कि सर्वेक्षण डोर-टू-डोर कचरा संग्रह के लिए चल रहा है। इस समय के दौरान यह पाया गया कि कई किरायेदार उपयोगकर्ताओं को चार्ज नहीं करते हैं। नए घोषित क्षेत्रों को शामिल करने की तैयारी भी है।
विशेषज्ञों के अनुसार, 75 हजार से अधिक इमारतों के मालिक किराए पर अपने घर के एक से दस कमरे चला रहे हैं। इन सभी को उपयोगकर्ता चार्ज चार्ज किया जाएगा। एक व्यक्ति से प्रति माह 50 रुपये का उपयोगकर्ता शुल्क लिया जाता है। उपयोगकर्ता चार्ज की वसूली से स्वच्छता के लिए बेहतर उपाय किए जाएंगे। इससे नगर निगम की आय भी बढ़ेगी।
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