10:18 AM, 27-Jun-2025

पूर्व मेदिनीपुर में भक्त रथ यात्रा में भाग लेने और जश्न मनाने के लिए दीघा जगन्नाथ मंदिर में एकत्र हुए।

09:57 AM, 27-Jun-2025

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह उत्सव सनातन संस्कृति की प्राचीनता के साथ-साथ उसकी निरंतरता का भी प्रतीक है। कई शताब्दियों से यह उत्सव एकता के प्रतीक के रूप में मनाया जाता रहा है, जो भारत के लोगों को एकजुट करता है और दुनिया भर के विभिन्न धर्मों के अनुयायियों को एक साथ लाता है। इसका प्रमाण हजारों वर्षों के लिखित इतिहास में मिलता है। सौभाग्य से मुझे इस रथ यात्रा में शामिल होने का अवसर मिला है, मुझे भगवान जगन्नाथ प्रभु के दर्शन करने का मौका मिलेगा, लेकिन सबसे बढ़कर मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे यहां पुरी पीठ पर आकर पुरी शंकराचार्य के दर्शन करने, उनका आशीर्वाद लेने, उनका संवाद सुनने का अवसर मिला है।

 

09:53 AM, 27-Jun-2025

भगवान जगन्नाथ, उनके भाई भगवान बलभद्र और उनकी बहन देवी सुभद्रा को इस्कॉन कोलकाता में रथ यात्रा के लिए उनके रथों पर ले जाया जा रहा है।

 

09:53 AM, 27-Jun-2025

अमेरिका में रहने वाली इक्वाडोर मूल की एक महिला भक्त ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल हुई। वह कहती है कि हम वास्तव में खुश हैं कि आज हम भगवान जगन्नाथ के दर्शन करेंगे। हम यहां पहली बार आए हैं। मैं पूरी तरह से खुश महसूस कर रही हूं। दर्शन करना और यहां दूसरों के साथ अपनी भक्ति साझा करना एक सपना सच होने जैसा है।

 

09:51 AM, 27-Jun-2025

पुरी में भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध वार्षिक रथ यात्रा देखने के लिए श्री जगन्नाथ मंदिर के बाहर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है और वे आनंद मना रहे हैं।

 

09:50 AM, 27-Jun-2025

पुरी से भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा कि अनादि काल से यह माना जाता है कि भगवान जगन्नाथ स्वयं यहां निवास करते हैं और यहीं से वे ब्रह्मांड का संचालन करते हैं। ‘स्नान पूर्णिमा’ के बाद, पारंपरिक रूप से, भगवान बीमार पड़ जाते हैं और उनका इलाज किया जाता है। और आज, वे गुंडिचा मंदिर (अपनी मौसी के निवास) के लिए रवाना होंगे, जो 3 किमी दूर है। यह ओडिशा के लोगों द्वारा निभाई जाने वाली एक सुंदर परंपरा है… भगवान स्वयं अपने भक्तों को ‘दर्शन’ देने के लिए निकलते हैं। 

 

09:50 AM, 27-Jun-2025

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि मैं कामना करता हूं कि महाप्रभु के आशीर्वाद से पूरा देश और पूरा विश्व शांतिपूर्ण हो, और प्रगति और विकास हो – यही महाप्रभु हमेशा सोचते हैं। सनातन धर्म में एक अनूठी परंपरा है: एकमात्र धाम है जहां हर साल भगवान पूरे परिवार के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं। इसका मूल अर्थ यह है कि भगवान सामाजिक सद्भाव, समावेश और भाईचारे में विश्वास करते हैं।

 

09:47 AM, 27-Jun-2025


जगन्नाथ रथ यात्रा
– फोटो : PTI

रथ यात्रा से एक दिन पहले हजारों की संख्या में भक्तों ने मंदिर के सिंह द्वार पर पहुंचकर रत्न बेदी (गर्भगृह में पवित्र मंच) पर भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के नबाजौबन दर्शन (युवा रूप) किए। मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ साल में एक बार अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाते हैं। यह रथ यात्रा कुल 12 दिनों तक चलेगी और इसका समापन 8 जुलाई 2025 को नीलाद्रि विजय के साथ होगा, जब भगवान पुनः अपने मूल मंदिर में लौटेंगे। हालांकि रथ यात्रा का आयोजन 12 दिनों का होता है, इसकी तैयारियां महीनों पहले से शुरू हो जाती हैं। इस रथ यात्रा के दौरान कई धार्मिक रस्में, अनुष्ठान और विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

09:45 AM, 27-Jun-2025

पीएम मोदी ने भी दीं शुभकामनाएं

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के पवित्र अवसर पर सभी देशवासियों को मेरी ढेरों शुभकामनाएं। श्रद्धा और भक्ति का यह पावन उत्सव हर किसी के जीवन में सुख, समृद्धि, सौभाग्य और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए, यही कामना है। जय जगन्नाथ!

 

09:45 AM, 27-Jun-2025

राष्ट्रपति ने दीं जगन्नाथ रथ यात्रा की शुभकामनाएं

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को देशवासियों को जगन्नाथ रथ यात्रा की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने एक्स पर लिखा कि पवित्र रथ यात्रा के अवसर पर मैं देश-विदेश में रह रहे महाप्रभु जगन्नाथ के भक्तों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। रथ पर विराजमान बड़े ठाकुर बलभद्र, महाप्रभु श्रीजगन्नाथ, देवी सुभद्रा और चक्रराज सुदर्शन के दर्शन करके लाखों भक्त दिव्य अनुभूति प्राप्त करते हैं। इन ईश्वरीय स्वरूपों की मानवीय लीला ही रथ यात्रा की विशेषता है। इस पुण्य अवसर पर महाप्रभु श्रीजगन्नाथ से मेरी यह प्रार्थना है कि पूरे विश्व में शांति, मैत्री और स्नेह का वातावरण रहे।

 





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