गुजरात से सैकड़ों किलोमीटर दूर जम्मू-कश्मीर की वादियों में अपने परिवार के साथ खुशियों के पल संजोने गए शैलेश के परिवार को शायद इस बात की बिल्कुल भनक नहीं रही होगी कि पहलगाम घूमने का उनका प्लान कभी न भूलने वाला जख्म दे जाएगा। पहलगाम घूमने गए शैलेश की आतंकियों ने बायसरन में नृशंस हत्या कर दी। उनका पार्थिव शरीर सूरत पहुंचने के बाद भतीजे ने बताया कि 23 अप्रैल को उनके चाचा का जन्मदिन होता है।

जन्मदिन से ठीक पहले आतंकियों ने गोली का शिकार बनाया 

मृतक शैलेश कलथिया की जिस दिन हत्या की गई, उसके अगले ही दिन उनका जन्मदिन था। ये जानकारी उनके भतीजे अंकुर सुतारिया ने दी। सूरत में उनकी पार्थिव देह पहुंचने के बाद अंकुर ने कहा, ‘मेरे चाचा-चाची और उनके बच्चे कश्मीर घूमने गए थे। हमें मीडिया से आतंकवादी हमले के बारे में पता चला। इसके बाद हमने कॉल करने की कई बार कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। हमने वहां के अधिकारियों से बात की। उन्होंने हमें बताया कि उनके परिजन सुरक्षित हैं, लेकिन थोड़ी देर बाद, हमें बताया गया कि चाचा की मौत हो चुकी हैं। गुजरात के राजनीतिक लोग हमसे मिलने आ रहे हैं। हम सरकार से सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं ताकि किसी भी परिवार को ऐसी असहनीय पीड़ा न सहनी पड़े।

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सूरत पहुंचा आतंकी वारदात के शिकार शैलेष का शव, मंत्रियों ने दी श्रद्धांजलि

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले में सूरत शहर के शैलेश कलथिया की भी नृशंस हत्या की गई। गुजरात के अमरेली जिले में वराछा क्षेत्र के मूल निवासी शैलेश का पार्थिव शरीर एअर इंडिया के विशेष विमान से देर रात सूरत एयरपोर्ट लाया गया। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सीआर पाटिल, गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी, समेत विधायकों और अधिकारियों ने शैलेश की पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। 

कब और कहां हुई आतंकी वारदात, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री क्या बोले

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट ‘मिनी स्विटरलैंड’ नाम से मशहूर पर्यटन स्थल पर मंगलवार दोपहर हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक हैं। यह 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे घातक हमला है। एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि 26 मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय निवासी हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आतंकी हमले को ‘हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा’ हमला बताया। अधिकारियों ने बताया कि यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत की यात्रा पर हैं। इसी समय जम्मू-कश्मीर में पर्यटन और ट्रैकिंग का मौसम जोर पकड़ रहा है।

74 महीने बाद आतंकी हमले से दहली घाटी

2019 की फरवरी में जम्मू-कश्मीर के ही पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला पहलगाम में हुआ है। पहलगाम शहर से लगभग छह किलोमीटर दूर बैसरन चीड़ के पेड़ों के घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा एक विशाल घास का मैदान है तथा देश व दुनिया के पर्यटकों के बीच पसंदीदा स्थान है। 

आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े TRF ने ली हमले की जिम्मेदारी

पहलगाम हमले के संबंध में अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हथियारबंद आतंकवादी ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ में घुस आए और भोजनालयों के आसपास घूम रहे, खच्चर की सवारी कर रहे, पिकनिक मना रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। पाकिस्तान में स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।

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पाकिस्तान को भुगतने होंगे घटना के परिणाम: मंत्री ऋषिकेश 

गुजरात के मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। पाकिस्तान को भी इस घटना के परिणाम भुगतने होंगे। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले को बहुत गंभीरता से लिया है। वह अपना सऊदी दौरा बीच में छोड़कर लौट आए हैं। पीएम भारत पर छोटा सा भी प्रहार नहीं सह सकते हैं, लेकिन पाकिस्तान ने बड़ा प्रहार किया है। अब क्या एक्शन लेना है, उसके बारे में जल्द ही तय हो जाएगा।  

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